ललित विस्तर वाक्य
उच्चारण: [ lelit visetr ]
उदाहरण वाक्य
- बौद्ध ग्रंथ “ ललित विस्तर “ में वर्णित चौसठ लिपियों में अंग लिपि का चौथा स्थान है।
- ललित विस्तर के अनुसर बुद्ध मात्र जम्बूद्वीप में अवतरित होते हैं और वहां भी केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में।
- ललितविस्तर में वर्णन आता है कि लिच्छवि परस्पर एक दूसरे को छोटा बड़ा नहीं मानते थे, सभी अपने को राजा समझते थे (ललित विस्तर अ.
- इसके अतिरिक्त ललित विस्तर, मझिमनिकाय, महावत्थु, पेतवत्थु, विमानवत्थु, अट्ठकथा आदि ग्रंथों एवं उनकी टीकाओं में जो विविध उल्लेख मिलते हैं उनसे मथुरा की राजनीतिक, धार्मिक एवं सामाजिक स्थिति पर बहुत-कुछ प्रकाश पड़ता है।
- इसके अतिरिक्त ललित विस्तर, मझिमनिकाय, महावत्थु, पेतवत्थु, विमानवत्थु, अट्ठकथा आदि ग्रंथों एवं उनकी टीकाओं में जो विविध उल्लेख मिलते हैं उनसे मथुरा की राजनीतिक, धार्मिक एवं सामाजिक स्थिति पर बहुत-कुछ प्रकाश पड़ता है।
- वैदिक साहित्य, महाभारत, बृहत्संहिता, निघंटु, सुश्रुत, अग्निपुराण, मार्कंडेयपुराण, शुक्रनीति, कौटिल्य अर्थशास्त्र, शारंगधर पद्धति, वात्स्यायन कामसूत्र, ललित विस्तर, भरत नाट्यशास्त्र, अमरकोश इत्यादि में नानाविध अंगरागों और गंध-द्रव्यों का रचनात्मक और प्रयोगात्मक वर्णन पाया जाता है।
- इस संदर्भ में ईसा पूर्व पहली शताब्दी के ‘ ललित विस्तर ‘ नामक बौद्ध ग्रंथ में गणितज्ञ अर्जुन और बोधिसत्व का वार्तालाप है, जिसमें वह पूछता है कि एक कोटि के बाद की संख्या कौन-सी है? इसके उत्तर में बोधिसत्व कोटि यानी १ ० ७ के आगे की शतगुणोत्तर संख्या का वर्णन करते हैं।
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